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Sushree sangita Swain

Classics

4  

Sushree sangita Swain

Classics

तलाक

तलाक

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तलाक तलाक तलाक 

ये तीन शब्द जहर से भी प्राणघाती 

आत्मा को अन्दर तक छलनी कर  जाती।

किस्मत ने ये किया कैसा मज़ाक, 

गमों से निकाह करा के, 

दिला दिया खुशियोँ से तलाक।


कागज़ के कुछ पन्ने करेंगे 

हमारे रिश्ते का फैसला 

ये हक़ किसने दिया ?  

इस शब्द ने बिस्वास तोड़ा, प्रेम तोड़ा, 

साथ तोड़ा, तुम्हारा  कया खोया में नहीं जानती 

मेरा तो वजूद खोया, घर खोया, परिवार खोया 


पहचान खोया, और तो और सबसे बढ़कर 

मेरा सम्मान खोया।

जुदा हो गयी हमारी राहें, अलग होगयी हमारी  दुनिया 

क़ुबूल है से लेकर तलाक तक 

क्या इतना ही है आसमान एक लड़की का ?


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