पिता जी
पिता जी
पिता जी कभी नहीं बताते
कि ख्वाहिशें मेरी
उनके जीवन में
ज्यादा काम बनकर
उनसे मिला करती थी
पर अब जब
जाना हूं
खुद ही
पिता बन कर
सच ये
बार बार रो जाने को दिल करता है,
आपको पलकों पर बिठाने को दिल करता है।
पिता जी को बहुत स्नेह, प्यार, सम्मान।