विवाह.. 'एक संकल्प'
विवाह.. 'एक संकल्प'
बस...
सात वचन /
साथ में सात फेरे /
कुछ संकल्प /
और, मंत्रोचार कोई
तुम विवाह कहते हो...?
मतलब तुमने भी इसे
जीवन की अनिवार्य काज ही समझा...?
काश..
इस बंधन के महत्व को समझते
इसकी पवित्रता को जान सकते
इसके अंदर के भाव को समझते
अगर समझते कि
यह कोई बोझ नहीं
तो आज यूँ तमाशा ना होता..!
विवाह बोझ नहीं
केवल बंधन नहीं
यह वो कड़ी है
जो दो परिवार को जोड़ती है /
दो संस्कारों का संगम है
और
दो आत्माओं को एक करती है
ना केवल नये सृष्टि को रचती है
अपितु
एक आदर्श स्थापित
करने का संकल्प है...!!