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ritesh deo

Abstract

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ritesh deo

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विवाह

विवाह

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और वाह के मध्य का,

ख़्वाब और तनख़्वाह का,

सम्मिलन है विवाह।

दो रूहों के आत्मिक,

इक़रार है विवाह।

सेहरा और पगड़ी की,

जद्दोजहद है विवाह।

महज़ एक दुनियावी,

मुहर है विवाह।

पाक है, खास है,

अंततः विश्वास है विवाह।

शब्द और संतोष का,

भाव है विवाह।

चांद और सूरज का,

प्रभाव है विवाह।

प्रकृति की संरचना का,

नाद है विवाह।

लिंगभेद की समस्या का,

उपाय है विवाह।

भावना में भाव का,

प्रकाश है विवाह।


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