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SUNIL JI GARG

Abstract Inspirational

4.5  

SUNIL JI GARG

Abstract Inspirational

नए साल पर देखता सपने

नए साल पर देखता सपने

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नए साल पर नया मजा हो,

नया मिले कोई रस्ता,

अच्छे दिन आ जाएँ सभी के,

मॉल मिले सब सस्ता।


मॉल मिले सब सस्ता भैया,

रहे न कोई भूखा,

हरे भरे अब खेत रहें सब,

पड़े कहीं न सूखा।


मन मुटाव की आदत छूटे,

करे न कोई लड़ाई,

धरम से आगे देश आपका,

इसमें सबकी भलाई।


आगे बढ़कर उसे थाम लें,

गिरे अगर कोई साथी,

दरद सभी को एक सा होता,

कोई धरम हो जाती|


महिलायों का सम्मान,

सबको करना होगा,

न्याय यहाँ पर एक बराबर,

सच तब सपना होगा|


कूड़ा हटाना काम और का,

बात ये छोड़नी होगी,

साफ़ सफाई अन्दर बाहर,

दोनों करनी होगी।


पथ विकास का सबसे अच्छा,

जाने बच्चा बच्चा,

नए साल पर इसी बात पर,

ध्यान लगावें सच्चा।


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