Unlock solutions to your love life challenges, from choosing the right partner to navigating deception and loneliness, with the book "Lust Love & Liberation ". Click here to get your copy!
Unlock solutions to your love life challenges, from choosing the right partner to navigating deception and loneliness, with the book "Lust Love & Liberation ". Click here to get your copy!

Vandana Singh

Tragedy

4  

Vandana Singh

Tragedy

पिंजरा

पिंजरा

1 min
388


पिछले कई सालों से सफ़र में हूं

कई सालों से कितने ही प्रयास जारी है

कभी कभी लगता है कि सही दिशा में हूं

तो कभी लगता है कि यहां तो अजनबी हूं

ठिकाना किसे कहते है, नहीं जानती

जहां रहती हूं वो या जहां जाना चाहती हूं वो

दिनचर्या की बातें करूँ तो

पता नहीं क्या, कैसे गुजर जाता है

किस गहरे समुंदर में डूबा रहता है मन

किस हलचल से घबरा जाता है

किसी ओर अंधेरा दिखता है

तो यहां की खिड़कियां बंद कर लेती हूं

बाहर की अंधियारी से डर लगता है या

भीतर के सन्नाटे को उजागर नहीं करना चाहती

मैं और मेरी मौनावस्था शायद आदी हो चुके है

एक दूसरे के संगी बन दूर निकल चुके है

जिंदगी का पर्याय समझने की शायद हिम्मत ना बची हो

और खुद को आईने में निहारने का

ढांढस ना बांध पा रही हूं

वो छवि तिरस्कार की शायद पहले ही लोगों की

नजरों में झलक जाती है

भाग खड़ी होती हूं

दूर किसी कोने में अपना ही चेहरा कुरेदती

सामान्य दिखने की लाख कोशिशें विफल

जैसे लोगों की नजरें भीतर तक छलनी करती हो

और हर बात पर यूं लगता है

जैसे मेरी ही बातें हो

दुख का लिबास ओढ़े अवसाद जाने कब

भीतर तक घर कर गया

कि अब यूं लगता है कि

पिंजरा ही मेरा जीवन है

या मेरा जीवन ही पिंजरा है।



Rate this content
Log in

Similar hindi poem from Tragedy