STORYMIRROR

Vandana Singh

Inspirational

4  

Vandana Singh

Inspirational

युद्ध अवश्यम्भावी तो नहीं

युद्ध अवश्यम्भावी तो नहीं

1 min
269

जिन्हें कुछ छिपाना है

जिन्हें कुछ छीनकर पाना है

जिनके हृदय विषाद है

जिन्हें लूटना याद है


जिनके मानस में शोक है

रक्त की पिपासा ही उनका शौक है 

मानवता के खिलाफ, पीड़ा क्रुद्ध की है 

यही तो वजह युद्ध की है


जिन्हें तरसाना है, तड़पाना है

जो खुद अधूरे है, मानते पूरे है

उन्हें स्व से ज्यादा अनुराग है

दुख में आकर्षण पराग है


उन्हीं में तड़प अशुद्ध की है 

यही तो वजह युद्ध की है। 

जिनका रुख पाने का 

भय सताता खोने का

हार से हारने की हसरत है 

अस्तित्व बचाने की कसरत है 


जीतने की कामना का राग है 

रक्त अन्वेषण विशुद्ध की है

यही तो वजह युद्ध की है

यह न सोचो शांति में शांति है 

अहिंसा, प्रेम भी तो क्रांति है


बात है सकारात्मक बदलाव की

युद्ध परिस्थिति नहीं स्वभाव की

हारने वाले भी हारते है

जीतने वाले भी बाग उजड़ते है

फल विनास का अट्टहास भर


पीड़ा में मरना है, बचे तो भड़ास भर

युद्ध अवश्यम्भावी तो नहीं

आदमीयत का पनपना काफी तो नहीं

हमारी मंशा सही के विरुद्ध की

यही तो वजह युद्ध की है ...


Rate this content
Log in

Similar hindi poem from Inspirational