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Rajeshwari Joshi

Romance

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Rajeshwari Joshi

Romance

पहली बारिश की बूंदों सी

पहली बारिश की बूंदों सी

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वर्षा की टपकती बूंदों ने, 

तेरी याद मुझे दिलायी है, 

वो भीगती बरसती रातें , 

मुझको फिर याद आयी हैं। 


पहली बारिश खुशबू सी यादें,

साँसों में मेरे घुल आयी है । 

तेरी यादों की नर्गिस फिर से, 

मेरे मन में भी खिल आयी है। 


बारिश के मौसम से कोई , 

रिश्ता गहरा सा लगता है, 

कुछ अपना सा, कुछ प्यारा, 

दिल को छूता सा लगता है। 


दिल में मेरे तेरी यादों की 

परछाइयाँ उतर आयी हैं। 

बारिश की बरसती बूंदों में , 

तेरी सूरत नजर आयी है। 


हमारे हाथों में थे जब महकते, 

भाप उठते गर्म चाय के प्याले , 

वर्षा की ये रिमझिम फिर से

यादें आज पुरानी लायी हैं। 


तेरी अदरक सी सौंधी खुशबू , 

साँसों में मेरी महकायी है । 

मेरी इलायची सी महकी यादें , 

चाय में मेरे फिर उतर आयी हैं। 


गर्म चाय की खुशबू सी यादें , 

मेरे अंदर भी भर आयी हैं। 

ये बरसती भीगती शामें फिर, 

आज याद पुरानी लायी हैं। 


मेरे अंदर भी तेरी यादों की , 

बारिश उतर आयी है, 

तेरी यादों की फुहारे फिर ,

मुझको भिगाने आयी हैं। 



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