पहली बारिश सी वो लड़की
पहली बारिश सी वो लड़की
पहली बारिश की बूंदों सी
पहली बारिश की बूंदों सी मन को,
छू जाने वाली वो लड़की।
मन की धरती पर सौंधी खुशबू सी,
महकने वाली वो लड़की।
रुनझुन करती पायल बजाती,
नाचती गाती वो लड़की।
बारिश में भीगती संगीत सी बजती,
नीली आँखों वाली वो लड़की।
सुनहरे बालों वाली सुंदर सी ,
दूध के फेनिल सी वो लड़की।
हिरनी जैसी कुचाले भरने वाली ,भोर की,
पहली किरण सी सुंदर वो लड़की।
सेब से सुर्ख गालों वाली वो लड़की ,
गुलाब से लाल होठों वाली वो लड़की।
मोर के पंखों से रंग- बिरंगे मन में,
ख्वाब बुनने वाली वो लड़की ।
नदिया सी बलखाती ,इतराती,
भोली- भाली सी वो लड़की ।
गालों के भवँर में फँसाती, चुलबुली सी,
मेरी नींद चुराने वाली वो लड़की।
ओस की बूंदों सी नाजुक ,
हीरे सी चमकती वो लड़की।
मेरे सपनों में आकर मुझे अपना,
दीवाना बनाने वाली वो लड़की।