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Aishani Aishani

Tragedy

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Aishani Aishani

Tragedy

पहले क्या सिला जाए...!

पहले क्या सिला जाए...!

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बहुत कुछ उधड़ा पड़ा है

जिसको सिलना ज़रूरी है

पर तुम बताओ तो सही

पहले क्या सिला जाए...? 

तन के कपड़े.. /

घर के फटे परदे.. /

मन की अभिलाषाएँ

बिछौने की फटी चादर

मरी हुई उम्मीदें

या फिर..... 

तुम्हारी ज़ुबाँ और

ये फटी फटी आँखें

जो हर आने जाने वाली लड़की के

वस्त्र के अंदर तक टटोल आती है

उसके अस्मिता को और

तुम्हारे अभद्र शब्दों से छलनी हो जाती है

उसकी आत्मा......! 

बताओ पहले क्या सिलें....!! 

सोचती हूँ पहले तुम्हारी फटी फटी आँखों

और गंदी ज़ुबाँ को ही सिल दूँ

फिर कुछ और सिलने की ज़रूरत क्या पड़ेगी...!! 



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