भरोसा
भरोसा
अब होता नहीं, भरोसा किसी बारे में।
क्योंकि किसी को मालूम ही नहीं, मेरे बारे में।
अब होता नहीं, भरोसा किसी बारे में।
क्योंकि लोग हैं, भी वैसे भरोसा तोड़ने वाले में।
अब होता नहीं, भरोसा किसी बारे में।
क्योंकि हमने समझा, आपने से ज़्यादा तेरे बारे में।
अब होता नहीं, भरोसा किसी बारे में।
क्योंकि हम हैं, ही ऐसे दिल खोलकर बोलने वाले में।
अब होता नहीं, भरोसा किसी बारे में।
क्योंकि हम जानते नहीं, किसी के बारे में।
पर अब होता नहीं, भरोसा किसी बारे में।
क्योंकि हमने सोचा नहीं, अपने बारे में।
पर अब होता नहीं, भरोसा किसी बारे में।
क्योंकि अब देखना है, भरोसा लोगों का मेरे बारे में।
पर अब होता नहीं, भरोसा किसी बारे में।
क्योंकि मुँह पर ही भरोसा दिखाकर बोलते हैं, झूठ मेरे बारे में।
पर अब होता नहीं, भरोसा किसी बारे में।
क्योंकि गड़ते हैं, झूठ लोग मेरे बारे में।
पर जल्दी होगा नहीं, भरोसा किसी के बारे में।
क्योंकि बोला नहीं हैं, हमने झूठ अपने बारे में।
पर जल्दी होगा नहीं, भरोसा किसी बारे में।
क्योंकि मुश्किल हो गया हैं, कहना सबके बारे में।
अब लगेगा वक्त लोगाें पे, भरोसा करने के बारे में।
सोचा है करना, भरोसा सब के बारे में।
पर लगेगा वक्त, उन्हें भरोसा बढ़ाने में।
सोचा है, अब हमने भरोसा करने के बारे में।
