उम्मीद
उम्मीद
गुजर ही जायेगा ये स्याह वक्त
फितरत है वक्त की गुजरना,
बेबसी के इतर:बहुत कुछ है बदलने को
ये मुफलिसी,उदासियों भरी दुनियां और
ये स्याह रातों में लिपटी बेजुबाँ काया:
आसमाँ छूने की आश में,
नित नए पंखों से उड़ान भरता तन..
इंतजार में इक नए उजास की,
क्षण-क्षण टूटता, बिखरता मन।