नन्हा तारा
नन्हा तारा
अकेला है तो क्या,
विशालकाय आकाश में
अपनी चमक बिखेर रहा।
जो उन्नींदे हैं और जो
सो चुके...
उनकी आंखों में नवजीवन के
सपने बन तैर रहा।।
अकेला है तो क्या,
विशालकाय आकाश में
अपनी चमक बिखेर रहा।
जो उन्नींदे हैं और जो
सो चुके...
उनकी आंखों में नवजीवन के
सपने बन तैर रहा।।