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प्रभात मिश्र

Romance Tragedy

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प्रभात मिश्र

Romance Tragedy

पहला प्यार

पहला प्यार

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याद रखने योग्य

कुछ खास नहीं था 

तब हमें भी तो

प्यार का एहसास नहीं था

दिन महीने साल

सब याद थे उसको

इस बात का कुछ

मुझे ख्याल नहीं था 


आकर्षण था शायद

या यौवन तंरग थी 

यह प्यार व्यार का 

कोई जंजाल नहीं था 

बातें कर लेते थे 

दिल खोलकर के हम

औपचारिकताओं का 

मध्य में बवाल नहीं था


जब सखी थी मेरी

वह प्रेयसी नहींं थी

तब तक हमारे बीच

कोई फासला नहीं था

जब प्रेमिका हुयी तो

रुठ कर चली गयी 

फिर उसको रोकने का

कोई रास्ता नहीं था 


इस प्यार व्यार से 

मेरा वास्ता नहींं था।


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