फिल्मी...
फिल्मी...
ये फिल्मी गपशप...
थोड़ी झूठ-थोड़ा सच...
बस दिल पे न ले यार !
य दिन है हँसने-गाने के ;
न कर वक्त बरबाद --
बस देख और भूल जा
समझके इसको अभिनय मात्र...
ये फिल्मी सितारे, नहीं आसमां से उतरे!
उनमें भी हैं आम इंसानों वाली बातें...
न उठाओ उन्हें सर पे तुम बेमतलब --
वे तो अभिनय की पूरी क़ीमत लेते हैं...
और हम भी उन्हें क़ीमत अदा करके ही
फिल्मी पर्दे पर देख पाते हैं...।
तो फिर क्यों इतनी बेचैनी...?
क्यों इनके रंगीन सपनों में
अपनी हक़ीक़त को भूला देना...??
