फैसला नहीं होता
फैसला नहीं होता
एक अजब सी उलझन है,
फ़ैसला नहीं होता...
कई बार ऐसी परिस्थितियाँ आती हैं,
चाह कर भी ,
सही फैसला नहीं हो पाता,
छोटा सफर भी कई बार,
इतना लंबा हो जाता है,
सफर का अंत कहाँ तक,
फैसला नहीं हो पाता,
सुबह के बाद दोपहर और,
दोपहर के बाद सांझ,
दिन तो कट गई रात कहाँ कटे,
इसका फैसला नहीं हो पाता,
मन की व्यथा शोर मचाते हैं,
दिल में एक हलचल कर जाते हैं,
समझ न पाते किस ओर जाना है,
कल-कल करती नदियाँ,
शीतलता का एहसास जगाती हैं,
पर एहसास है किसका,
इसका फैसला नहीं कर पाती है.