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Lokeshwari Kashyap

Drama Classics Inspirational

4  

Lokeshwari Kashyap

Drama Classics Inspirational

फाग गीत

फाग गीत

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जोगीरा सा रा रा रा रा रा 

आई है बसंत की बसंती बहार l

लेकर प्रेम और खुशियों का उपहार l

राधिका सोचे मन में बार-बार l

कैसे रंग लगाऊ मोहन को इस बार lजोगीरा सा रा रा रा रा रा 


लाल, हरे, नीले, पीले और गुलाबी l

रंगों कि छटा अजब निराली l

उड़े अबीर,गुलाल, छूट रही पिचकारी l

सबने एक दूजे पर प्रेम रंग डारी l जोगीरा सा रा रा रा रा रा


अंबर तक उड़ चले सतरंगी गुलाल l

नहीं रहा किसी के मन में कोई मलाल l

बिसरे सबके तन, मन का खयाल l

मस्तानों कि टोलियाँ मचा रही धमाल l जोगीरा सा रा रा रा रा रा


इत ते राधा सखियों संग टोली बनाकर आये l

उत ते लै पिचकारी कान्हा लुक - छिप आये l

कान्हा डारे रंग,राधा सखियों संग लट्ठ चलाये l

मधुर मुस्कान लिए मुख पर मोहन लट्ठ खाये l जोगीरा सा रा रा रा रा रा


सखियों संग राधा चली श्याम को रंगने l

राधा खुद ही रंग गई श्याम के रंग में l

कौन राधा, कौन मोहन ना आये पहचान में l

कोई भेद नहीं, दोनों रंगे एक रंग में l जोगीरा सा रा रा रा रा रा


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