पगली
पगली
"तुमसे मोहब्बत होती तो, छोड़ भी देता...
इबादत की है, मरते दम तक सजदे करूँगा..."
मैंने देखी है तेरे चेहरे की वो खामोशी भी...
जिसे हँसते लबों के नीचे तू ने छुपाया अक्सर...
मैंने देखी तेरे चेहरे की वो मायूसी भी...
मुस्कुरा कर जब दिल को मेरे बहलाया अक्सर...
वो तेरा सबसे बड़ा हुनर है ये जान ले तू...
जिसे सबसे बड़ी कमज़ोरी तू ने बताया अक्सर...
तुझ से मोहब्बत है ये बात अपनी जगह है...
उस से पहले तेरे सपनों का ख़्याल मुझे आया अक्सर...
वादा है मेरा वो ख़्वाब मुकम्मल होंगे...
मेरे बाद जिन्होंने तुझे रातों को जगाया अक्सर...
तू मेरी हिम्मत है तुझे टूटने दूं कैसे...
कैसे मुरझाने दूँ वो फूल जिसने मेरे चमन को महकाया अक्सर...
तेरी आँखों की नमी मेरी रूह तक को है बेचैन करती...
तेरे खुशी के आँसुओं ने भी मुझे डराया अक्सर...
बड़ा बेचैन सा हो जाता हूँ जब तुझे पाने के लिये उन रातों को...
तेरी यादों ने थपकियाँ देकर तब मुझे सुलाया अक्सर....