नयन
नयन
नयन
जो बात तुम कहते नहीं
नयन तुम्हारे कह देते हैं
अभी तो फूल खिले है
तभी तो नयन तुम्हारे बोले है
माना की ख़ामोशी की लकीर
मिटा देते हैं नयन
फिर भी मन की आवाज
सुन लेते है नयन
ओस की बूंदें
किताबों की बातें
चंचल नयन तुम्हारे
चांदनी के अक्स में भी
नयन तुम्हारे पहचान तुम्हारी

