एक और यकीन
एक और यकीन
मेरी ही कहानी में
कुछ तो अधूरा सा लगता है मुझे
शायद कोई बात है जो कही नहीं जाती मुझसे
अब वो शब्द कहा से लाए जिसमें बात हो अपनी बया
मौसम का अपना अंदाज होता है
शब्दों का अपना सलीका होता है
पतंग की अपनी उड़ान होती है
हर दिल में कोई तो दर्द की दास्ताँ होती है
दोस्ती की राह में
धोखे के कांटे है
प्यार और जीवन के रास्ते में
एक और यकीन बाकी है
