नन्हीं रंगीन चिड़ियां
नन्हीं रंगीन चिड़ियां
रहती नहीं है कभी पेड़ो पर वो
ना अपना घर उनमें बनाती है
रंग बिरंगी है नन्ही सुंदर सी वो
बस झाड़ियों में फुदकती जाती है ।
घास के किसी बड़ेे तिनके पर
बीचों बीच में वो ठहर जाती है
तिनकों से नहीं मुलायम रूई सी
वह फूल बस घास के ही लाती है।
चारों ओर से गोलाकार बनाए
एक छोटे छिद्र सा द्वार है उसका
धूप पानी सेे बचकर वो रहती है
ऊपरी सतह से घर बंद हो जिसका।
कभी कभी दिख जाते छोटे अंडे
बस ज्यादा नहीं होते दो या तीन
छुप कर घास में डरकर वो रहती
कोई ले जा न सके उसके बच्चे छीन।