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नन्ही चिड़िया।

नन्ही चिड़िया।

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मैं एक अध्याय बन कर रह गई,

अनंत आकाश की छवि एक ख्वाब बन कर रह गई।

उड़ान भरने की ख्वाहिश बस एक इंतजार है,

मेरे पँखो को कुचलने वाला एक इंसान हैं।

मेरे दिल के कुछ सपने जिनसे जुड़े थे मेरे अपने,

बदलाव की बयार से जमीन लगी थी तपने।

मेरे जीवन की अनंत यात्रा अंतिम यात्रा बन गई,

उन्हें अपनी भूख की तलब थी कुछ इस तरह,

जमीर उनका मर गया आत्मा कर गई विरह।

मेरी निर्मम चीख उनके लिए एक मधुर संगीत थी,

उनका अट्टहास मृत्यु का उदघोष थी।

गुजारिश अनसुनी कर पँख पीछे छूट गये,

जमीन पर उतरने वाले सपने आँखों में ही टूट गए।

जाने कितने दिन तक मैं एक जिंदा लाश थी,

आखिरी वक्त पर मुझे मेरे रक्षक से ही आस थी।

विश्वासघात किया था उसने मेरी अंतिम श्वास पर,

जिंदगी मिट गई मेरी उनकी भूख मिटाने पर।

घोसला वीरान हो गया किलकारियाँ गुम हुई,

एक छुईमुई की कली थी अब सूखा ठूँठ हुई।

इंसाफ दो मुझे या मुझको यूँही

छोड़ दो,

मेरे नाम का तमाशा बनाना जालिमो अब तो बंद करो।

पहले हुआ था अब हुआ है और होना है बाद में,

और कितने पँखो को कुचला जायेगा अपने स्वार्थ मे।

मैं तो थी नन्ही सी चिड़िया नापना था नभ मुझे,

जमीन भी छीन ली दया नही आयी उन्हें। 

मेरा अंजाम ही तुम्हारे अंत का आगाज है,

बदलने को तैयार सदियों पुराना साज़ है।

लौट कर आना है मुझको जैसे ताजी सी हवा,

मेरी शक्ति है अब दूसरों के दुःख की दवा।

मै तो थी नन्ही सी चिड़िया नन्हें पँखो को लिए,

मुझपर छाये अंधकार ने जला दिए सैकड़ों दीये।

मैं तो जिंदा हूँ अब इन जलती हुई मशालों मे,

रौशन यूँ ही करते रहना अपने ख्यालों में।

                                         


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