आहिस्ता आहिस्ता एहसास ये हो रहा है, तेरे मेरे ज़ज्बातों का मिलन सा हो रहा है आहिस्ता आहिस्ता एहसास ये हो रहा है, तेरे मेरे ज़ज्बातों का मिलन सा हो रहा है
कब तक यूँ चुप रहोगे मुझसे न कुछ कहोगे तुम अपनी ख़ामोशियों को ज़रा-सी आवाज़ दे दो कब तक यूँ चुप रहोगे मुझसे न कुछ कहोगे तुम अपनी ख़ामोशियों को ज़रा-सी आवाज़ दे द...
गुजारिश अनसुनी कर पँख पीछे छूट गये, जमीन पर उतरने वाले सपने आँखों में ही टूट गए। जाने कितने दि... गुजारिश अनसुनी कर पँख पीछे छूट गये, जमीन पर उतरने वाले सपने आँखों में ही टूट ...
छलकते कुछ आँसू दरकती कई चीख़ें और सिसकती बेचैनियाँ ज़माने के बाज़ार में कोई मोल नहीं इनका छलकते कुछ आँसू दरकती कई चीख़ें और सिसकती बेचैनियाँ ज़माने के बाज़ार में ...
हमेशा गीतों की महफ़िल, वीरानी होती है, न हो गर साज़ और सुर तो, नादानी होती है। हमेशा गीतों की महफ़िल, वीरानी होती है, न हो गर साज़ और सुर तो, नादानी होती है।
हवाओं के मद्धम साज़ पर चिलमनों के थिरकते साये हवाओं के मद्धम साज़ पर चिलमनों के थिरकते साये