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Dr. Nidhi Priya

Romance

4.8  

Dr. Nidhi Priya

Romance

कह दो न

कह दो न

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जो तुम्हारी आँखों में छिपा है

बस मुझे वो राज़ दे दो

मेरी जिंदगी को इस तरह तुम

इक नया अंदाज़ दे दो

जो तुम्हारी आँखों....।


कब तक यूँ चुप रहोगे

मुझसे न कुछ कहोगे

तुम अपनी ख़ामोशियों को

ज़रा-सी आवाज़ दे दो

जो तुम्हारी आँखों.....।


कभी तेज़ चलती हैं साँसे

कभी रूक भी जाती हैं ये

तुम मेरी धड़कनों को

कोई और साज़ दे दो

जो तुम्हारी आँखों....।


मैं तुमसे कुछ न माँगू,

पर तुमसे इक गिला है

बहुत कुछ मिला है तुमसे,

पर कुछ नहीं मिला है

नहीं कल की है तमन्ना

मुझे मेरा आज दे दो

जो तुम्हारी आँखों....।


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