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नविता यादव

Tragedy

4.0  

नविता यादव

Tragedy

मुखौटा

मुखौटा

1 min
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तीन वानर तस्वीर देती संदेश

बुरा न बोलो बुरा न देखो, बुरा न सुनो।।


भला होता कहां अब ऐसे,

जिस चीज को मना किया जाए,

उस चीज को ही करने में मजा पाए हम जैसे।


होता यही सब हर इंसान के साथ है, 

आज्ञा देना गर्व समझता, खुद पालन करने में शर्म करता,,,,

सुनाने में उसको बहुत आनंद आता, सुनने की बारी आने में मुंह टेेढ़ा कर लेेता ,,

अकेला देखता है, ठहाके लगा जोर जोर से एंजॉय करता, 

दूसरा आ जाए तो "चैनल बदल," भौंए सिकोड़ लेेता।।


झुठ बोलूं तो , तुम सब मुझे गलत कहना

पर पहले अपने मन को टटोल लेना,

कोई मन मारता, कोई सब कुछ कह देता

कोई सब कुछ देख कर भी चुप रह लेता।।

कोई सुना -अनसुना कर देता,,,

 

सब के साथ ये सब कुछ होता

कोई जताता तो, कोई अनदेखा कर देेेता

यही दसतूरे दुनिया का रिवाज है,,

हर मुखड़े पर लगा मुखौटा आज है।।

हर मुखड़े पर लगा मुखौटा आज है।।


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