कोरोना -कोरोना यूँ ही ना डरोना
कोरोना -कोरोना यूँ ही ना डरोना
लाखों की भीड़ जुटाये नेता फिर भी
भूखे नंगे बेरोजगार तालाबंदी में
सिर्फ कहे दो गज दूरी मास्क हैं जरूरी
कोरोना कोरोना यूँ ही ना डरोना
मरे तो मरे हमें उनसे क्या ,भाड़ में जाये जनता
काम अपना बनता ,जीना मुश्किल मौत सस्ती
सिर्फ कहते रहे दो गज दूरी मास्क है जरूरी
कोरोना कोरोना यूँ ही ना डरोना
क्या फर्क पड़ता हैं भूख से मरे या
कोरोना से या करे कोई खुदखुशी
बॉर्डर पर शहीद हो या घुटघूँट कर
बस हमें जीतते रहना कुर्सी के लिए
अच्छा तो हैं जनसंख्या घटेगी
कोई रोजगार मांगेगा ना रोटी
ना कोई बनेगा आन्दोलन जीवी
न रहेगा बास, ना बजेगी बांसुरी
यह कौन सा मोड़ हैं जिंदगी का
पुलिस से पिटे, फाइन भरे जनता
डरी हुईं और सहमी सहमी सी
कोरोना कोरोना यूँ ही ना डरोना