STORYMIRROR

Preeti Sharma "ASEEM"

Tragedy

3  

Preeti Sharma "ASEEM"

Tragedy

एक ....था

एक ....था

1 min
172


एक था... निरमिष ।

पिया जीवन का अनंत विष।

एक था... निरमिष।।


बचपन से ही, जीवन का बोझा ढोया।

पिता के लिए जीवन भर रोया।।

हार न मानी, परिस्थितियों से।

जीवन को एक प्रेरणा कर सोया।।


एक था ...निरमिष।

जिसने पीया जीवन का अनंत विष।।


खुद पर हँसता।

जीवन को रचता।

आड़ी -तिरछी रेखाओं से,

जीवन के सत्य में जचता।।


एक है...... निरमिष।

जो खुद को था..... करके है हंसता।

जीवन के सत्य को,

मानने से नही बचता।।


Rate this content
Log in

Similar hindi poem from Tragedy