मजबूर है दिल
मजबूर है दिल
माना कल तक हम साथ थे
करीब थे इतने करीब थे
कि बिना कहे एक दूसरे के
मन का हाल जान लेते थे
बिना कहे हो हर जज्बात
समझ जाते थे जो महसूस करता था
हम दोनों का दिल
हम दो जिस्म एक जान थे
आज वक्त हालात ने हमें
इस मोड़ पे लाकर कड़ा किया है
की हमको अजनबी बना दिया है
सामने होकर भो कुछ समझ नही पाते
शायद कभी हमारे बीच प्यार था
भी या नही ये सोचने को मजबूर है ये दिल!