2020 कोरोना यादें
2020 कोरोना यादें
क्या खेल कोरोना ने खेला है
दिल तोड़ दिया अकेला है
उम्मीद न टूटे, आस न टूटे
ओ क्या खेल कोरोना ने खेला है
दिल तोड़ दिया अकेला है
अमीर पड़ गया फीका ओ,
गरीब पड़ गया फीका ओ,
इसके आगे न पैसा टिका
इसके आगे न टिके कोई पद
क्या खेल कोरोना ने खेला है
दिल तोड़ दिया अकेला है
हंसती -खिलती जिन्दगी थी
हंसते खेलते सपने थे ,
ओ रुक गए ऐसे इस मोड़ पे
ओ जैसे कुछ अपने न थे
क्या खेल कोरोना ने खेला है
दिल तोड़ दिया अकेला है
धीरे धीरे सपने मेरे जुड़ रहे थे,
धीरे धीरे उम्मीद मेरी बन रही
सब कुछ छीन लिया है
क्या खेल कोरोना ने खेला है
दिल तोड़ दिया अकेला है
