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Prashant Madne

Tragedy

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Prashant Madne

Tragedy

2020 कोरोना यादें

2020 कोरोना यादें

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क्या खेल कोरोना ने खेला है

दिल तोड़ दिया अकेला है

उम्मीद न टूटे, आस न टूटे

ओ क्या खेल कोरोना ने खेला है

दिल तोड़ दिया अकेला है

अमीर पड़ गया फीका ओ,

गरीब पड़ गया फीका ओ,

इसके आगे न पैसा टिका

इसके आगे न टिके कोई पद

क्या खेल कोरोना ने खेला है

दिल तोड़ दिया अकेला है


हंसती -खिलती जिन्दगी थी

हंसते खेलते सपने थे ,

ओ रुक गए ऐसे इस मोड़ पे

ओ जैसे कुछ अपने न थे

क्या खेल कोरोना ने खेला है

दिल तोड़ दिया अकेला है

धीरे धीरे सपने मेरे जुड़ रहे थे,

धीरे धीरे उम्मीद मेरी बन रही

सब कुछ छीन लिया है

क्या खेल कोरोना ने खेला है

दिल तोड़ दिया अकेला है


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