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Vijay Kumar parashar "साखी"

Abstract Tragedy

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Vijay Kumar parashar "साखी"

Abstract Tragedy

चुनाव की न रुकेगी तैयारी

चुनाव की न रुकेगी तैयारी

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कोविड 19 फैल रहा भारी

हाहाकार मचा बहुत भारी


सब घबराये चहुं नर-नारी

पर चुनाव भी है,अहंकारी


जाये कितना जोर लगा ले,

तू कोविड19 की महामारी


हम कराएंगे जरूर चुनाव,

हम नेता तुझसे है,बड़े भारी


तू क्या कर लेगा कोरोना,

तेरा तो रोज का है,रोना,


हम लगा देंगे बहुत वेक्सीन

तू क्या बंद कर पायेगा बीन?


चुनाव हमारी है,बड़ी लाचारी

बिन इसके ये जिंदगी बेचारी


तू तो समझ रहा,कोरोना,

वोट ही देते हमे बहु सोना


तू जाये कोरोना भाड़ में,

वोट कराएंगे इसी साल में,


वोट हमारी जिंदगी है,सारी

समझ तू कोरोना महामारी


चुनाव से ही मिलती है,

हमे जड़ी-बूटी ढेरी सारी


बिन चुनाव,हम नेता लोग,

कैसे निभाये,जिम्मेदारी


कोरोना हो,इसका बाप हो,

कराएंगे जरूर चुनाव भारी


चाहे रोते रहे,सब नर-नारी,

चुनाव की न रुकेगी तैयारी।


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