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Praveen Gola

Tragedy

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Praveen Gola

Tragedy

कुछ पलों की साँसें रह गईं

कुछ पलों की साँसें रह गईं

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कुछ पलों की साँसें रह गईं ,
क्या तुम मिलने आओगे  ?
ये नयन राहें बिछा ,
इस दिल में खुद को पाओगे  |

बहुत रोका खुद को हमने  ,
अब बेबसी सी है  ,
इधर ज़िन्दगी लड़ रही  ,
उधर मौत खड़ी सी है |

समझोगे मेरे .....
ज़जबातों को जब तक ,
ये नब्ज .....
थम सी जायेगी  |

कुछ पलों की साँसें रह गईं ,
क्या तुम मिलने आओगे  ?

अब नहीं बस में ये उंगली ,
जो भेजे संदेश तुम्हे ,
तुम मेरे संदेशों को ना पाकर ,
एक दिन घबराओगे |

जानती हूँ ये मिलन ,
होगा नहीं इस जन्म में ,
अगले जन्म की आस का  ,
क्या तुम वादा निभाओगे ?

बंद पलकें हो रहीं ,
तेरी याद में रो रहीं ,
सुन मेरी मृत्यु का ,
क्या दो आँसूँ बहाओगे ?

कुछ पलों की साँसें रह गईं ,
क्या तुम मिलने आओगे  ?




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