कुछ पलों की साँसें रह गईं ,
क्या तुम मिलने आओगे ?
ये नयन राहें बिछा ,
इस दिल में खुद को पाओगे |
बहुत रोका खुद को हमने ,
अब बेबसी सी है ,
इधर ज़िन्दगी लड़ रही ,
उधर मौत खड़ी सी है |
समझोगे मेरे .....
ज़जबातों को जब तक ,
ये नब्ज .....
थम सी जायेगी |
कुछ पलों की साँसें रह गईं ,
क्या तुम मिलने आओगे ?
अब नहीं बस में ये उंगली ,
जो भेजे संदेश तुम्हे ,
तुम मेरे संदेशों को ना पाकर ,
एक दिन घबराओगे |
जानती हूँ ये मिलन ,
होगा नहीं इस जन्म में ,
अगले जन्म की आस का ,
क्या तुम वादा निभाओगे ?
बंद पलकें हो रहीं ,
तेरी याद में रो रहीं ,
सुन मेरी मृत्यु का ,
क्या दो आँसूँ बहाओगे ?
कुछ पलों की साँसें रह गईं ,
क्या तुम मिलने आओगे ?