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Manju Saini

Tragedy

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Manju Saini

Tragedy

:माँ मैं क्या लिखूं

:माँ मैं क्या लिखूं

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माँ मैं क्या लिखूं....

बेटो को घर मिला हिस्से में ये लिखूं

बेटो को ज़मीन आयी हिस्से में ये लिखूं

मैं तो माँ की प्यारी बिटिया थी ये लिखूं

मेरे हिस्से तो माँ की दुआएं आयी ये लिखूं।


माँ मैं क्या लिखूं....

समझ नही आता माँ,तेरे लिए मैं क्या लिखूं

तेरी आत्मा सुकून से होगी माँ, बस ये लिखूं

जीवन भर तेरे बलिदान का,यूँ हिसाब लिखूं

तेरी ममता को कैसे मैं लिख के बयान करूँ।


माँ मै क्या लिखूं....

तेरे रहते जो राहत थी उसको कैसे भूलूँ

उसको कैसे मै शब्दो में बयान करूं

तेरा होना ही तो मेरी दुनिया थी कैसे लिखूं

किन शब्दो मे तेरे न होने का अहसास लिखूं।


माँ मैं क्या लिखूं....

कहाँ से ढूंढ़ के लाऊँ, कहाँ तुझे देख पाऊँ

अपने हिस्से की दुआओ को बता कहां पाऊं

अपने सुख दुःख अब तू ही बता किसे बताऊँ

अपने जज्बात शब्दो मे उतारू तो बस रोऊँ ।


माँ मैं क्या लिखूं....

              'माँ लिखूं बस माँ लिखूं'


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