आसान नही होता...
आसान नही होता...
आसान अगर शहर-ए-
मोहब्बत का पता होता
मोहब्बत मैं फिर कोई
तबाह न होता
सफर मै मिल जाते बहुत
लेकिन सनम
मोहब्बत मैं सनम का
मिलना न होता
साथ अगर तुम मेरा देते
तो काश
मोहब्बत मैं बिछड़ना
कभी न होता
खोए रहते है हम मोहब्बत
मै तेरी हर वक्त
मोहब्बत मैं किसी और का
ख्याल न होता
ख्वाबों मै दीदार हो जाए
तेरे बस इतनी इल्तज़ा है
मोहब्बत मैं तड़प तेरे दिदार
का न होता
कई शब गुजारी है इंतजार
मै तेरे मेरी जान
मोहब्बत मैं यार का इंतज़ार
न होता
रूठ जाना तो बस बहाना है
फैसले बढ़ाने का
मोहब्बत मैं कोई मजबूर
न होता
बेवफाई को पहना कर मजबूरी
का लिबास
मोहब्बत मैं कोई बेवफा न होता।

