गीत : अब तो दिल ऊब गया है, तेरी दुनिया से खुदा।
गीत : अब तो दिल ऊब गया है, तेरी दुनिया से खुदा।
अब तो दिल ऊब गया है, तेरी दुनिया से खुदा।
बाकी सब मिल गयें हैं ,रह गया हूं मैं ही जुदा।।
जिन पर विश्वास करें वो ही दगा देते हैं।
सिर भी कदमों में रखूं, ठोकर से उड़ा देते हैं।।
जो ना गुनाह हमने किये, मिल रही है उनकी सजा
एक भी बात मेरी, जंचे ना जमाने को।
लब भी खोलूं तो सभी, दौडते हैं खाने को।।
ऐसी ग़मग़ीन जिंदगी में भला क्या है मजा
भूख और बेबसी मिलती है, अब बाजारों में।
आदमी दफ़न हैं जिंदा, यहां दीवारों में।।
अब तो बैचेन है "उल्लास" तेरी क्या है रज़ा।।
