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Abha Chauhan

Tragedy Inspirational

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Abha Chauhan

Tragedy Inspirational

जल बचाओ

जल बचाओ

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जल चेतना है लाता,

अमृत यह कहलाता,

पीकर आनंद आता,

बड़ा है अनमोल।


बूंद धरा में समाती,

है हरियाली छा जाती,

मन को यह लुभाती,

जानो इसका मोल।


सूखे कुएं और नदी,

है कटी वृक्षों की लडी,

बीती जा रही है घड़ी,

पेड़ है अनमोल।


बूंदे इसकी संभालो,

गंदा इसमें ना डालो,

थोड़े पानी से नहालो,

याद रखो ये बोल।


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