ये दिन कैसा
ये दिन कैसा
सोचा नहीं था हमने ये दिन भी आयेगा,
इंसान ज़िन्दगी को तरस जायेगा।
ये पैसे शान-ओ-शौकत कुछ काम नहीं आया,
सब रो रहे हैं तड़प रहे कैसे संभला जाये।
सोचा नहीं था हमने ये दिन भी आयेगा,
इंसान ज़िन्दगी को तरस जायेगा।
ये पैसे शान-ओ-शौकत कुछ काम नहीं आया,
सब रो रहे हैं तड़प रहे कैसे संभला जाये।