मेरे सपने
मेरे सपने
कोई तो लौटा दो, मुझको वही सपने,
तो मै पूरा कर लूँ ।
कोई बुने थे मैंने ख्वाब में , तेरे बिना उसे ,
कैसा पूरा कर लूँ
तू ही बता....ओ ओ.... तूही बता..
तेरे बाहों मे, ओ दिन गुजारे
तेरे ख्वाबो में बस गई.........
तुझ मे रह गई ,बनके यादें
जैसे, सरगम..... सरगम ....सरगम.....!
कोई तो लौटादो, मुझको वहीं सपने,
तो मै पूरा कर लूँ ।
तू ही बता....ओ ओ.... तू ही बता..
एक भी दिन मैं नहीं, बिता सका,
तेरा चेहरा देखें बिना -ओ...ओ....ओ
तूही सुबह थी मेरी,
तूही शाम थी मेरी,
ओ..... तू ही दिन थी मेरी......!
कोई तो लौटा दो, मुझको वहीं सपने,
तो मै पूरा कर लूँ ।
तू ही बता....ओ ओ.... तू ही बता..
तेरी बातों से यारा , करती थी मैं प्यार
भीड में तुझको ही तो, ढुढंती सौ-सौ बार
तू ही सफर था मेरा!
तू ही बन गया किनारा ..किनारा...किनारा....!
कोई तो लौटा दो, मुझको वही सपने,
तो मै पूरा कर लूँ ।
तूही बता....ओ ओ.... तूही बता!

