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Prashant Madne

Romance

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Prashant Madne

Romance

मेरे सपने

मेरे सपने

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कोई तो लौटा दो, मुझको वही सपने,

तो मै पूरा कर लूँ ।

कोई बुने थे मैंने ख्वाब में , तेरे बिना उसे ,

कैसा पूरा कर लूँ

तू ही बता....ओ ओ.... तूही बता..


तेरे बाहों मे, ओ दिन गुजारे

तेरे ख्वाबो में बस गई.........

तुझ मे रह गई ,बनके यादें

जैसे, सरगम..... सरगम ....सरगम.....!

कोई तो लौटादो, मुझको वहीं सपने,

तो मै पूरा कर लूँ ।

तू ही बता....ओ ओ.... तू ही बता..

एक भी दिन मैं नहीं, बिता सका,

तेरा चेहरा देखें बिना -ओ...ओ....ओ

तूही सुबह थी मेरी,

तूही शाम थी मेरी,

ओ..... तू ही दिन थी मेरी......!

कोई तो लौटा दो, मुझको वहीं सपने,

तो मै पूरा कर लूँ ।

तू ही बता....ओ ओ.... तू ही बता..

तेरी बातों से यारा , करती थी मैं प्यार

भीड में तुझको ही तो, ढुढंती सौ-सौ बार

तू ही सफर था मेरा!

तू ही बन गया किनारा ..किनारा...किनारा....!

कोई तो लौटा दो, मुझको वही सपने,

तो मै पूरा कर लूँ ।

तूही बता....ओ ओ.... तूही बता!



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