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Phool Singh

Drama Action Inspirational

4  

Phool Singh

Drama Action Inspirational

मुगल साम्राज्य- संक्षेप

मुगल साम्राज्य- संक्षेप

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तैमूर लंग का वंशज, जिसका, चंगेज़ खान ही पूर्वज था

पानीपत का युद्ध भयंकर, इब्राहिम लोदी से था जो पुरजोर लड़ा।


मुगल साम्राज्य का संस्थापक, जो वीर राणा सांगा से भी जीत गया

मेदिनीराय को दे पटकनी, प्रथम, मुगल शासक था बाबर बना।


शासक बना फिर बाबर पुत्र हुमायूँ, शेरशाह से बेलग्राम-युद्ध लड़ा

पदच्युत किया सूरी ने उसको, दर-दर फिर भटकता रहा।


दुर्भाग्यपूर्ण रहा उसका जीवन, जो अपना साम्राज्य हार गया 

कुछ समय तक बना शासक जरूर था, पर पिता जैसा न महावीर बना।


कुशल बुद्धि था सम्राट अकबर, विजय, द्वितीय पानीपत के युद्ध में जो प्राप्त किया 

हेमू को भी पराजित करता, जो एकमात्र हिन्दू राजा शेष रहा।


दूरियाँ कम हो संप्रदायों की, दीन-ए-इलाही एक धर्म बना

कश्क रह गई दिल में उसके, जो पराजित महाराणा न उससे हुआ।


अकबर-बीरबल के किस्से प्यारे, जग, अब तक सारा सुनता रहा

बड़े-बड़े योद्धा उससे हारे, इतिहास ने जिसे महान सम्राट कहा।


सलीम, अकबर का पुत्र प्यारा, जिसका, नृतक अनारकली से प्रेम रहा

पिता-पुत्र की नॉक-झोंक का, जग सारा तब साक्षी बना।


नूरजहां के पति परमेश्वर, कला, चित्रकारी का शौकीन रहा

न्याय की जंजीर लटकाई महल में, वही गुरु अर्जुनदेव का काल बना।


वैभव-विलासिता का न्यायप्रिय शासक, उतराधिकारी जहाँगीर बना

ताजमहल बनवाता प्रेम की खातिर, जो, खूबसूरती की अद्भुत मिशाल बना।


शाहजहाँ की उपाधि पिता से पाता, माता से जिसका विरोध बढ़ा

जंग भी हुई पिता-पुत्र में, शासक अंत में वही बना।


बनने विश्व औरंगजेब की विजेता की ख़्वाहिश जिसकी, भाइयों का मारकर बादशाह बना

विस्तार किया मुगल साम्राज्य का, पर दक्षिण का फ़ौड़ा बढ़ता गया।


मृत्युदंड दिया जो गुरु तेग बहादुर को, सिखों का बड़ा जो शत्रु बना

धर्म-नीति, उसकी बड़ी कठोर थी, अहमदनगर में मृत्यु को था प्राप्त हुआ।


भारी भरकम राज्य की डोर को, थामने में, शाहआलम प्रथम नाकाम रहा

उदार, आलसी उदासीन व्यक्ति, वृद्ध शासक था सबसे रहा।


बंदा बहादुर से लोहा लेता, मराठों ने शाहे बेखबर कहा

शासन की न उसको चिंता, जो ऐशों-आराम सदा डूबा रहा।


लम्पट जिसको कहती दुनियाँ, शासक, जहांदारशाह ऐसा रहा

पराजित हुआ जो फर्खरसियार से, असदखाँ की शरण लिया।


फर्खरसियार से बहादुरशाह जफर तक, प्रभावी कोई न शासक हुआ

मुगल साम्राज्य ढल चुका था, भयंकर जिसका अंत रहा, मैंने मुगल साम्राज्य का संक्षेप कहा।


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