मत खेल जल जायेगा
मत खेल जल जायेगा
आग से मत खेल
जल जायेगा
घर से भी बेघर हो जाएगा
कब और कहाँ जायेगा।
वहां भी तू मारा जायेगा
अपनों को भी
नहीं पहचान पायेगा।
पत्थर मारकर तू
कहाँ दुबक जायेगा
वहीं से भी तू खींचकर
लाया जायेगा।
और बेमौत मारा जायेगा
आग से मत खेल
जल जायेगा।
घर से भी बेघर हो जायेगा
कहता है तू मुझे
आजादी चाहिए,
आजाद है तभी तो
पत्थर मारता है तू
होता कैदी
साँस भी नहीं ले पाता तू।
