कैसे ये वक़्त बीत गया और बचपन को साथ ले गया। कैसे ये वक़्त बीत गया और बचपन को साथ ले गया।
अपने प्रतिबिंब को चिड़िया समझ जिसे आजाद करना चाहती है अपने प्रतिबिंब को चिड़िया समझ जिसे आजाद करना चाहती है
आजाद है तभी तो पत्थर मारता है तू होता कैदी साँस भी नहीं ले पाता तू। आजाद है तभी तो पत्थर मारता है तू होता कैदी साँस भी नहीं ले पाता तू।
मैं एलबम बना 'तस्वीरों' का, एक तू है कि न 'प्रोफाइल' हुई, मैं एलबम बना 'तस्वीरों' का, एक तू है कि न 'प्रोफाइल' हुई,
यह सच है कि यहां मोदी है, वहां भी तो शिव की गोदी है! यह सच है कि यहां मोदी है, वहां भी तो शिव की गोदी है!
टेलीफोन ने सिखाया इंतज़ार का सबब, मोबाइल ने भुला दी अपनों के लिए अदब। टेलीफोन ने सिखाया इंतज़ार का सबब, मोबाइल ने भुला दी अपनों के लिए अदब।