टेलीफोन बनाम मोबाइल
टेलीफोन बनाम मोबाइल
इतिहास उसका कितना पुराना
ज़माना था तब टेलीफोन का दीवाना।
फिर मोबाइल दुनिया में आया,
गहरा नशा इस यन्त्र का छाया।
टेलीफोन ने कितने प्रेमी मिलवाए,
मोबाइल ने उतने ही रिश्ते तुड़वाए।
टेलीफोन ने हमेशा सुनने पर ज़ोर दिया,
मोबाइल ने हमें अपना ग़ुलाम किया।
टेलीफोन ने खुशी और गम को महसूस करवाया,
मोबाइल ने युवा पीढ़ी को पॉर्न जमकर दिखाया।
टेलीफोन ने पिरोई प्रेमियों की विरह कहानियां
मोबाइल ने बर्बाद कर दी चैटिंग में जवानियां।
टेलीफोन ने देखा अपनी घंटी का उत्साह,
मोबाइल ने "फॉरवर्ड" करी ढेरों अफवाह।
टेलीफोन ने सिखाया इंतज़ार का सबब,
मोबाइल ने भुला दी अपनों के लिए अदब।
टेलीफोन परिवार को साथ लाया,
मोबाइल ने सबको सिर्फ अपना कैदी बनाया।
टेलीफोन ने रखा घड़ी व कैलेंडर का मान
मोबाइल खा गया इन चीजों का स्थान।
टेलीफोन ने बच्चे आंगन में खेलते पाए,
मोबाइल ने उनके हाथ "PUBG" पर थमाए।
टेलीफोन ने वक़्त पलों में बिताया,
मोबाइल ने वक़्त ज़ाया करना सिखाया।
टेलीफोन ने दूरियों की कद्र बताई,
मोबाइल ने जन्मी कटुता और लड़ाई।
टेलीफोन ने खुद से प्यार करने को कहा,
मोबाइल हमको सोशल मीडिया में लेकर बहा।
पर मोबाइल नहीं आया था यह बर्बादी करने
शायद अपना दुरुपयोग देख वह भी लगे डरने,
वह भी तो चाहता था टेलीफोन की तरह मिलाना,
पर उसको तो बनाया अलगाव का हमने बहाना।
तो अब भी अगर तुम समझ पाओ,
ज्ञान का स्रोत इसको बनाओ,
अपनों को झट से "फोन" लगाओ,
और ख़ुशियों वाली घंटी बजाओ।