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Isha Kathuria

Abstract

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Isha Kathuria

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एक हंसी बांट लेना

एक हंसी बांट लेना

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एक हंसी बांट लेना,

तुम रब के प्यारों से,

दुनिया में गम के मारों से,

अपनी ही खुशी के हत्यारों से

और नभ में टूटते उन तारों से।


एक हंसी बांट लेना, 

उस प्रेमी से जो रोता है विरह में,

उस बच्चे से जिसकी मां नहीं है गृह में,

और उस बूढ़े से जो खोया है यादों के संग्रह में।


एक हंसी बांट लेना, 

निराशा में डूबे किसी नौजवान से,   

द्वार पर आए किसी मेहमान से,

और हिम्मत खो चुके किसी इंसान से ।


क्यूंकि शायद वो एक मुस्कान

उदासी से ले जाएगी खुशी की ओर,

और मुसीबत में थमाएगी आशा की डोर।

दर्पण में देखकर जब खुद से भी मुस्कुराओगे,

स्वयं को दुनिया का सबसे सुंदर व्यक्ति पाओगे।


जो किसी से बांट लोगे अपनी मुस्कान,

तो जीवन हो जाएगा कितना आसान।

फिर मुस्कुराइए, एक छोटे बच्चे के जैसे

यह आनंद मुफ़्त है, नहीं लगते इसके कोई पैसे।


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