Unlock solutions to your love life challenges, from choosing the right partner to navigating deception and loneliness, with the book "Lust Love & Liberation ". Click here to get your copy!
Unlock solutions to your love life challenges, from choosing the right partner to navigating deception and loneliness, with the book "Lust Love & Liberation ". Click here to get your copy!

Isha Kathuria

Abstract

4  

Isha Kathuria

Abstract

इतना कुछ है दुनिया में

इतना कुछ है दुनिया में

1 min
25.1K


इतना कुछ है दुनिया में

कानों में रस घोलने को,

पर ऐसा मन मिला,

निरंतर जो है तैयार डोलने को।

यह जजमेंटल है, 

जो सुनता है, समझता नहीं..

और जो थोड़ा समझे....

तो सुने वही, जो है सही।


इतना कुछ है दुनिया में

इन आंखों में समाने को,

पर ऐसी दृष्टि मिली,

निरंतर जो ढूंढे बुरा देखने के बहाने को।

यह भटक जाती है..

और भागती है कोसों दूर

जब सामने लाया जाए...

वास्तविकता का आइना दिखाने को।


इतना कुछ है दुनिया में

इस वाणी से कहने को,

पर ऐसा मुख मिला,

निरंतर जो तैयार अपशब्द बोलने को।

यह बिन सोचे कह जाता है...

पर फिर वापस तो नहीं ले पाता है।

शब्द रूपी बाण घायल कर जाता है,

मनुष्य को तो बोलना जीवन भर नहीं आता है।


सुनना,बोलना और देखना

वैसे तो है ये सिर्फ क्रियाएं

पर इनका सदुपयोग

हम लोग आजतक जान नहीं पाए।

सुनकर केवल अच्छे विचार,

मन शुद्ध हो पाएगा...

और जो देखे तू अपनी खामियां,

दूसरों पर उंगली फिर नहीं उठाएगा।

बोलकर मीठी वाणी....

तू दूसरों के हृदय में बस पाएगा,

और कुछ चैन विषैले हो गए...

तेरे दिल को भी आ जाएगा।


Rate this content
Log in

Similar hindi poem from Abstract