मर्ज़-ए-इश्क़
मर्ज़-ए-इश्क़
मर्ज़-ए-इश्क़ में इस तरह रोया मेरा दिल,
नींद पलकों पे रही पर न सोया मेरा दिल,
दिन-ब-दिन भटकाती रही तेरी यादें मुझे,
मैं भटकती रही पर न खोया मेरा दिल,
मोहब्बत जा तुझे अलविदा कह दिया,
आज तक तुझे बहुत ढोया मेरा दिल।
मर्ज़-ए-इश्क़ में इस तरह रोया मेरा दिल,
नींद पलकों पे रही पर न सोया मेरा दिल,
दिन-ब-दिन भटकाती रही तेरी यादें मुझे,
मैं भटकती रही पर न खोया मेरा दिल,
मोहब्बत जा तुझे अलविदा कह दिया,
आज तक तुझे बहुत ढोया मेरा दिल।