मर जाता है मन
मर जाता है मन


तुझको सोचूँ तो आँखों से झर जाता है मन ।
अहसासों के खारे जल से भर जाता है मन ।
सूरज, चाँद, सितारे, कलियाँ सब तो हैं फिर भी
याद बहुत आता है तू तो मर जाता है मन ।।
तुझको सोचूँ तो आँखों से झर जाता है मन ।
अहसासों के खारे जल से भर जाता है मन ।
सूरज, चाँद, सितारे, कलियाँ सब तो हैं फिर भी
याद बहुत आता है तू तो मर जाता है मन ।।