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Arunima Bahadur

Action Others

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Arunima Bahadur

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महंगाई

महंगाई

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हाय हाय महंगाई की मार,

जीवन जीना हुआ दुश्वार,

थाली से कम हुआ है भोजन,

भूखे पेट न होता भजन,

क्या खरीदे, क्या न खरीदे,

महंगाई ये जीने न दे।

दवा न है, बस दुआ है,

जीवन दयनीय सा हुआ है,

भूख, प्यास से बिलखता बचपन,

तड़प रहा है आज तन मन,

किसी के पास न है रोटी,

किस्मत आज हुई है खोटी,

कोई तो कहीं से आये,

महंगाई को दूर भगाए,

न हो भूखे पेट फिर सोना,

हर जन के पास हो घर का कोना,

शायद सुमति कभी तो जागे,

सद् प्रयासों से कुरीति भागे।।



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