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Amita Mishra

Fantasy

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Amita Mishra

Fantasy

मेरी कल्पना

मेरी कल्पना

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मेरी काल्पनिक दुनियां भी अजीब है

जो शायद कभी पूरी नकहि हो सकती

मैं सोचती हूं कि कब हम लड़कियों को 

आजादी मिलेगी ऐसी नही जो अभी मिली है


ऐसी की जब बेटी जन्म ले तो दिल से खुश हो 

जब बहू बने तो मान सम्मान मिले

पत्नी को बराबरी का हक़ मिले उसकी बात को समझा जाये

आज भी हर घर मे नारी प्रताड़ित हो रही है


कभी तन से तो कभी मन से

चोट इतनी है कि बयां करना मुश्किल है

तो क्या कभी ऐसा हो पायेगा

की हम नारी अपनी दुनियां में 

स्वतंत्र हो पाएंगे


बुरी नजरों, बुरी बात से बच पाएंगे

की ये मात्र कल्पना ही रह जायेगी

हम भी खुलकर जी पायंगे।


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