"मेरे आंगन में..."
"मेरे आंगन में..."
एक गुलाब
खिला है आज मेरे आंगन में
मेरी बगिया में
सावन के महीने में
रिमझिम फुहारों के बीच
जैसे खिलखिला रहा हो कोइ छोटा बालक
पहने ज़र्द जामा
हो रहा था उसकी हलचल का असर
मेरे अन्तर्मन पर
वो झूल रहा था डाली पर
पर खुशी थी मेरी आंखों में
मेरे चेहरे पर
आखिर खिला था एक गुलाब
मेरे आंगन में
मेरी बगिया में...!