मधुर संगीत की धुन
मधुर संगीत की धुन
जबसे मैने होश संभाला
जब तेरे वारे में सूना ,तुझे जाना
तबसे तेरा साथ मेरा नाता है
पहले मन से ,फिर दिल से
फिर रूह से ये संपर्क
जुड़ा हुआ है ,दिन पर दिन
और गहरा और गहरा होता चला है
तू मेरा सबसे अच्छा दोस्त है
जब मैं अपनी जिंदगी से
ऊब जाता हूं ,परेशानियां
मजबूरियां मुझे सताने लगते हैं
इन सारे समस्याओं से
निकलने को
मुझे जब कुछ सूझता ही नहीं
चारों ओर घनी अंधियारा लगती है
कोई राह दिखता नहीं
तब मैं चुपचाप
तेरे पास चला आता हूं
तेरे साथ कुछ पल एकांत में
गुजारने केलिए
खुद के साथ दीदार करने केलिए
कौन कहता है
तुझ में जान नहीं है ?
कौन कहता है एकांत में
सिर्फ खामोशी राज करता है ?
कोई आवाज नहीं होता
नहीं ,झूठ है ये
पूरी तरह सच नहीं है
सत्य यह है कि
एकांत में भी शोर होती है
मधुर संगीत की धुन है
कभी नहीं लगता अकेला
तू मेरा साथ साथ जो है
जो बात दिल में छुपा है मेरा
जिसे मैं किसीसे भी
कह नहीं सकता
मैं तेरे पास आ कर सबकुछ
बेफिक्र होकर बोल देता हूं
मेरे हमदम मेरे यार !
फिर क्या ? इन मुसीबतों से
जूझने केलिए मुझे बल
मिल जाता है
मिल जाता है सहारा
मेरे यार ! जब तक सांस चले
मैं तेरे साथ साथ ही रहूंगा
रह न सकूंगा मैं तेरे बिन।

