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Awadhesh Singh

Tragedy

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Awadhesh Singh

Tragedy

मौत अभी ना आती

मौत अभी ना आती

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मौत तु बेवसी जानती मेरी

तो अभी न आती

जो भी था बाकि अपना

उससे परिचय कराती

अपनो को न दे सका जो हँसी

थोड़ा पीछे आती, थोड़ा पीछे आती

मौत तू बेवसी जानती मेरी

तो अभी न आती

हर शाम की सुबह होने तक

मौत तुम निद्रा में सो जाती

और जब सुबह को

मेरे ख्यालो में आती

मौत तुम तब बहुत सुंदर बहुत प्रिय लगती

बीत गया जो मेरा कभी वो शाम न अब आती

जीवन के कुछ और बसंत

मुझे दिखला जाती

सब कुछ फीका सा लगता कुछ

ऐसा कर जाती

मौत जब तुम आती मुझको हँसी आती

दुनिया रोती और खूब रोती

मौत तू बेबसी जानती मेरी

तो अभी न आती

मेरी प्यारी प्रकृत के

रहिस्य कई भान मुझको कराती

नित नए फूल खिलते है

इसके उर आंगन धरती

खुद का परिचय करने से पहले

मेरा परिचय कराती

जीवन सुरम्य अति विशाल

इसकी बैभवता मन को हर लेती

मौत तुम कहना मानती मेरी

तो थोड़ा रुक कर थोड़ा देर में आती।।



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